पानी और सोच हमेशा साफ होनी चाहिए। खराब पानी सेहत को नुकसान पहुंचाता है, और खराब सोच जिंदगी को। इसलिए, दोनों को साफ रखना जरूरी है। इस लेख में, हम कन्या(kanya) राशि के जातकों के लिए वर्ष 2025 से जून 2028 तक का भविष्यफल जानेंगे।
कन्या(Kanya) राशि वालों के लिए आने वाला समय
कन्या राशि के लोगों को पिछले कुछ समय से संघर्ष करना पड़ रहा है। कई लोग आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, व्यापारिक और पारिवारिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। 2023 के बाद से तनाव बढ़ गया है। तो, 2025 से आगे का समय कैसा रहेगा? आइए जानते हैं।
कन्या राशि का स्वामी बुध है। लेकिन बुध ग्रह तो लगभग हर महीने अपना स्थान बदलता है। जो ग्रह लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहते हैं, वे ही असली परिणाम देते हैं। जैसे, शनि देव एक घर में ढाई साल, राहु और केतु देव डेढ़ साल, और बृहस्पति देव 13 महीने तक रहते हैं।
व्यापार और दांपत्य जीवन में परेशानी
अभी के समय में राहु देव आपकी कुंडली के सातवें भाव में बैठे हैं। यह भाव व्यापार और दांपत्य जीवन का होता है। राहु देव अपने शत्रु देव गुरु बृहस्पति की राशि में हैं। इस कारण व्यापार में गिरावट आ रही है। बहुत से कन्या राशि वाले 2023 से व्यापार में नुकसान झेल रहे हैं। कुछ का व्यापार तो पूरी तरह से चौपट हो गया है।
जिनका व्यापार पार्टनरशिप में था, उनके लिए भी राहु देव परेशानी ला रहे हैं। पार्टनरशिप टूट सकती है। दांपत्य जीवन में भी राहु देव तनाव पैदा कर रहे हैं। छोटी-छोटी बातों पर झगड़े बढ़ सकते हैं, जिससे दूरियां बढ़ सकती हैं। कुछ लोगों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। यह सब मई 2025 तक रहेगा।
मई 2025 के बाद भी हालात एकदम से ठीक नहीं होंगे। राहु देव की पांचवीं दृष्टि आपके लाभ के ग्यारहवें भाव पर पड़ रही है। इससे लाभ में कमी आ सकती है। राहु देव, चंद्र और सूर्य देव के शत्रु हैं, इसलिए लाभ कम होने या हानि होने की संभावना है।
परिवार के जो लोग आपसे बड़े हैं, उनसे रिश्ते कमजोर हो सकते हैं। राहु देव की सातवीं दृष्टि आपकी राशि पर पड़ रही है, और आपकी राशि में केतु देव बैठे हैं। राहु और केतु दोनों ही धोखा देने वाले ग्रह हैं। इससे आपकी सोच में भ्रम पैदा हो सकता है। आपको समझ नहीं आएगा कि क्या करे और क्या न करें।
राहु देव की नौवीं दृष्टि कुंडली के तीसरे भाव पर पड़ रही है। इससे मेहनत का फल ठीक से नहीं मिलेगा। आप दिन भर मेहनत करेंगे, लेकिन शाम को परिणाम शून्य के बराबर होगा। छोटे भाई-बहनों और रिश्तेदारों से भी संबंध कमजोर हो सकते हैं।
2025 के बाद क्या होगा?
18 मई 2025 को राहु देव आपकी कुंडली के छठे भाव में आ जाएंगे। यह भाव ऋण, रोग, शत्रु, भय और अदालती मामलों का होता है। यहां आपको सावधान रहने की जरूरत है। अगर आप चतुर और चौकन्ने रहेंगे, तो राहु देव आपका साथ देंगे। नहीं तो, परेशानी हो सकती है।
राहु देव की पांचवीं दृष्टि आपके दसवें भाव पर पड़ेगी, जो कर्म और करियर का भाव है। इससे आपको अच्छे फल मिलेंगे। राहु देव की सातवीं दृष्टि आपके बारहवें भाव पर पड़ेगी। बारहवां भाव खर्च, हानि, नुकसान और यात्राओं का होता है। विदेश में रहने वालों को चिंता हो सकती है। बाकी लोगों के लिए यात्रा के योग बन सकते हैं, लेकिन उनसे लाभ मिलने की संभावना कम है।
12वां भाव खर्चों का होता है। इसलिए, अचानक धन खर्च हो सकता है। हॉस्पिटल, हवालात, तर्क-वितर्क, वाद-विवाद और लड़ाई-झगड़े जैसी स्थिति भी आ सकती है। अपने भाग्य के अनुसार आपको फल मिलेंगे। समझदारी और धैर्य से काम लें, तो बहुत कुछ ठीक रहेगा।
एक उपाय करें: महीने में एक बार हॉस्पिटल में जाकर जरूरतमंद लोगों को 50 रुपये की दवाई दिलाएं। इससे हॉस्पिटल जाने की स्थिति कम हो सकती है।
राहु देव की नौवीं दृष्टि आपके धन के भाव पर पड़ेगी। इससे लाभ तो होगा, लेकिन कम। परिवार से संबंध भी बनेंगे। पैतृक संपत्ति के विवाद भी ठीक हो सकते हैं। केतु देव यहां बैठकर अपनी नौवीं दृष्टि आपके आठवें भाव पर डालेंगे। इससे परिवार में रोग हो सकते हैं और उन पर धन खर्च हो सकता है।
ससुराल पक्ष से संबंध खराब हो सकते हैं। जुआ, सट्टा और लॉटरी खेलने वालों को नुकसान हो सकता है। 5 दिसंबर 2026 को राहु देव आपके पांचवें भाव में और केतु देव ग्यारहवें भाव में आ जाएंगे। यह स्थिति ठीक नहीं है। केतु देव के कारण लाभ में कमी होगी और परिवार से रिश्ते कमजोर होंगे। राहु देव की दृष्टि के कारण मेहनत का फल कम मिलेगा।
जो लोग संतान चाहते हैं, उन्हें सावधानी बरतनी होगी। प्रेम संबंधों में भी कमजोरी आ सकती है। अचानक धन हानि हो सकती है, और शेयर मार्केट से लाभ की संभावना कम हो जाएगी।
बृहस्पति देव का प्रभाव
मई 2025 में बृहस्पति देव आपकी कुंडली के दसवें भाव में आ जाएंगे। इससे आपके कर्म और करियर में तरक्की होगी। नौकरी में प्रमोशन और मनपसंद जगह पर ट्रांसफर हो सकता है। जो लोग राजनीति में हैं, उन्हें भी लाभ होगा।
बृहस्पति देव की पांचवीं दृष्टि आपके धन के भाव पर पड़ेगी। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार में मतभेद दूर होंगे, और पैतृक संपत्ति के विवाद भी सुलझेंगे। बृहस्पति देव की सातवीं दृष्टि आपके चौथे भाव पर पड़ेगी। इससे माता का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, और भूमि, भवन और वाहन सुख की प्राप्ति होगी।
जून 2026 में बृहस्पति देव आपके ग्यारहवें भाव में आ जाएंगे। यह मनोकामना पूरी करने वाला भाव है। इस समय आपको जबरदस्त लाभ होगा। बड़े भाई-बहनों और चाचा-ताऊ से रिश्ते मजबूत होंगे। बृहस्पति देव की पांचवीं दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ेगी। इससे साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। छोटे भाई-बहनों और रिश्तेदारों से संबंध मजबूत होंगे। यात्राओं से भी लाभ होगा।
जून 2027 में बृहस्पति देव आपके बारहवें भाव में चले जाएंगे। इससे विदेश में रहने वालों को लाभ होगा। बाकी लोगों के लिए यात्रा के योग बनेंगे, और यात्राओं से अच्छे लाभ के संकेत हैं। लेकिन, यहां एक बात ध्यान देने वाली है। जून 2026 में बृहस्पति देव ग्यारहवें भाव में आएंगे, और दिसंबर 2026 में केतु देव भी यहां आ जाएंगे। राहु देव की दृष्टि पड़ने के कारण बृहस्पति देव पीड़ित हो जाएंगे। इससे लाभ के परिणाम बदल जाएंगे। इसलिए, इस समय में सावधानी बरतें।
क्या करें उपाय?
कलयुग में सबसे बड़ा उपाय है
- हनुमान जी महाराज की आराधना।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- मंगलवार को हनुमान जी महाराज को लाल पुष्प चढ़ाएं।
- राहु और केतु देव के लिए कुत्तों को रोटी खिलाएं और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें।
- प्रत्येक शनिवार को शनि देव के मंदिर में जाकर मूर्ति पर थोड़ा तेल चढ़ाएं और दीपक करें।
शनि देव 29 मार्च 2025 को आपकी कुंडली के सातवें भाव में जाएंगे। इससे व्यापार और दांपत्य जीवन में सावधानी बरतने की जरूरत है। शनि देव की तीसरी दृष्टि आपके भाग्य भाव पर पड़ेगी। इससे भाग्य प्रबल होगा और रुके हुए काम पूरे होंगे।
शनि देव जून 2027 में कुंडली के आठवें भाव में चले जाएंगे। यह स्थिति ठीक नहीं है। इससे शनि देव की अष्टम ढैया आरंभ हो जाएगी। अष्टम ढैया के कारण रोग हो सकते हैं और उन पर धन खर्च हो सकता है। ससुराल पक्ष से संबंध कमजोर हो सकते हैं। जुआ, सट्टा और लॉटरी खेलने वालों को तकलीफ हो सकती है।
शनि देव की सेवा करें: प्रत्येक शनिवार को शनि देव के मंदिर में जाकर मूर्ति पर तेल चढ़ाएं, दीपक करें और तेल से बनी हुई जलेबी जरूरतमंद लोगों में बांटें।
निष्कर्ष
यह समय आपके लिए चुनौतियों से भरा हो सकता है। लेकिन, घबराएं नहीं। डरने से कुछ नहीं होगा। मुकाबला करना ही पड़ेगा। जो मैंने बताया, उसे आजमाए और अपने जीवन से मिलाने का प्रयास करें। उपाय करने से स्थिति मजबूत होगी और आपको सहयोग मिलेगा। हनुमान जी की आराधना करें और शनिदेव के उपाय करें।
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