लिव-इन रिलेशनशिप और राशिफल: क्या कहता है आपका ज्योतिष?

लिव-इन रिलेशनशिप और राशिफल

लिव-इन रिलेशनशिप और राशिफल: ज्योतिष के नज़रिए से समझें प्रेम और सामंजस्य आज के समय में लिव-इन रिलेशनशिप एक सामाजिक वास्तविकता बन चुका है। यह रिश्ता पारंपरिक विवाह से अलग होता है, जहाँ जोड़े बिना शादी के साथ रहते हैं। लेकिन क्या ज्योतिष की नज़र से यह संबंध सफल हो सकता है? इस ब्लॉग में, हम समझेंगे

मंगल दोष और शेयर बाजार: क्या है कुंडली के मंगल का निवेश पर प्रभाव?

मंगल दोष और शेयर बाजार

मंगल दोष और शेयर बाजार: ज्योतिष के अनुसार निवेश रणनीति ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को अक्सर वैवाहिक जीवन की समस्याओं से जोड़ा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दोष आपके शेयर बाजार के निवेश और फाइनेंसियल डिसीजन को भी प्रभावित कर सकता है? इस ब्लॉग में, हम मंगल दोष और शेयर ट्रेडिंग के बीच के

शनि की महादशा शुरू होने पर क्या होता है?

शनि की महादशा क्या होती है

महादशा क्या है? वैदिक ज्योतिष में “महादशा” ग्रहों की वह अवधि होती है, जिसमें कोई विशेष ग्रह व्यक्ति के जीवन पर प्रमुख प्रभाव डालता है। यह अवधि ग्रहों की स्थिति और उनकी गति के आधार पर निर्धारित होती है। शनि (Saturn) की महादशा 19 वर्ष तक चलती है, जो सभी ग्रहों में सबसे लंबी होती है। शनि

कर्ज से मुक्ति के ज्योतिष उपाय: ग्रह दोष शांति और सफलता के टिप्स

कर्ज से मुक्ति के ज्योतिष उपाय

कर्ज और ज्योतिष: ग्रहों का क्या है रोल? कर्ज की समस्या सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति का भी नतीजा हो सकती है। ज्योतिष के अनुसार, शनि (Saturn), राहु-केतु, और 8वें भाव (अचानक नुकसान) का प्रभाव कर्ज का कारण बनता है। साथ ही, 6वाँ भाव (ऋण) और 11वाँ भाव (आय) का कमजोर होना भी जिम्मेदार हो सकता है। आइए

सरकारी नौकरी पाने के ज्योतिष उपाय

कुंडली में सरकारी नौकरी योग

सरकारी नौकरी और ज्योतिष: क्या है कनेक्शन? / Government job astrology tips / sarkari naukri सरकारी नौकरी पाने के लिए मेहनत और तैयारी के साथ-साथ ग्रहों की अनुकूल स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के 10वें भाव (करियर), 6वें भाव (प्रतियोगिता), और 9वें भाव (भाग्य) का मजबूत होना सरकारी सेक्टर में सफलता दिलाता है। सूर्य (आत्मविश्वास),

कालसर्प योग समाधान: कारण, प्रभाव और ज्योतिषीय उपाय

कालसर्प योग समाधान

कालसर्प योग क्या है? / Kaal sarp dosh कालसर्प योग वैदिक ज्योतिष में एक ऐसा योग है जब कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह योग व्यक्ति के जीवन में अचानक संकट, आर्थिक नुकसान और मानसिक अशांति लाता है। मान्यता है कि यह योग पूर्वजन्म के कर्मों या पितृ

पितृ दोष शांति: कारण, लक्षण और ज्योतिषीय उपाय

पितृ दोष के उपाय

पितृ दोष क्या है? / Pitra dosh पितृ दोष वैदिक ज्योतिष में एक ऐसा योग है जो पूर्वजों (पितरों) की असंतुष्ट आत्माओं के कारण बनता है। जब पितरों का सही तरीके से श्राद्ध, तर्पण नहीं किया जाता या उनकी अधूरी इच्छाएँ रह जाती हैं, तो वे अपने वंशजों के जीवन में बाधाएँ उत्पन्न करते हैं।

पारिवारिक संपत्ति विवाद का ज्योतिष समाधान: कुंडली के योग बताएंगे हल

पारिवारिक संपत्ति विवाद का ज्योतिषीय समाधान

संपत्ति विवाद(sampati viwad) और ज्योतिष: क्या है कनेक्शन? पारिवारिक संपत्ति विवाद अक्सर भावनाओं और अधिकारों के टकराव से जन्म लेते हैं। लेकिन वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ये विवाद कुंडली में मौजूद ग्रहों की अशुभ स्थिति और पितृ दोष का परिणाम भी हो सकते हैं। कुंडली का चौथा भाव (संपत्ति), आठवाँ भाव (उत्तराधिकार), और ग्यारहवाँ भाव (लाभ) संपत्ति से जुड़े

पति-पत्नी के झगड़े का ज्योतिष समाधान: कुंडली के दोष और शांति के उपाय

पति-पत्नी के झगड़े का ज्योतिषीय समाधान

वैवाहिक कलह के ज्योतिषीय कारण (Husband wife fights) पति-पत्नी के बीच तनाव और झगड़े अक्सर कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति का परिणाम होते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ये मुख्य कारण हो सकते हैं: मंगल दोष (कुजा दोष): कुंडली के 1st, 4th, 7th, 8th, या 12th भाव में मंगल होने से आक्रामकता बढ़ती है। चंद्र दोष: चंद्रमा

दूसरी शादी राशि मिलान

दूसरी शादी के लिए राशि मिलान और ज्योतिषीय उपाय

दूसरी शादी(Second marriage) में कुंडली मिलान का महत्व पहले विवाह की असफलता या जीवनसाथी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी का निर्णय भावनात्मक और सामाजिक चुनौतियों से भरा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलान न केवल वैवाहिक सुख को बढ़ाता है, बल्कि पहले विवाह से जुड़े कर्मिक दोषों को भी कम